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अप्रैल, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

श्री दक्षिणामूर्ति पीठ के आचार्य पीठाधीश्वर

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1    श्री स्वामी श्री मान गिरि जी महाराज जी 2    श्री स्वामी श्री अमेघा गिरि जी महाराज जी 3    श्री स्वामी श्री राम गिरि जी महाराज जी 4    श्री स्वामी श्री सतचिदानन्द गिरि जी महाराज जी 5    श्री स्वामी श्री अमरेश्वरानन्द गिरि जी महाराज जी 6    श्री स्वामी श्री मनीषानन्द गिरि जी महाराज जी 7    श्री स्वामी श्री रामानन्द गिरि जी महाराज जी 8    श्री स्वामी श्री नृसिंह गिरि जी महाराज जी 9    श्री स्वामी श्री महेशानन्द गिरि जी महाराज जी 10  श्री स्वामी श्री यतीन्द्र कृष्णानन्द गिरि जी महाराज 11  श्री स्वामी श्री पुण्यानन्द गिरि जी महाराज जी (वर्तमान पीठाधीश्वर)

जानिए आपकी राशि के बारे में सम्वत 2077 वार्षिक राशिफल |

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हिन्दू नववर्ष विक्रम सम्वत 2077 जाने क्या होगा ? दुनिया और देश में

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कौनसे भाव से करते है पैसे का विचार ?

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         मारकेश समझते हो ? कुण्डली में 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 से 12 स्थान  होते है। 12 राशि के हिसाब से कुण्डली में 12 स्थान होते है।  1.   सबसे पहले स्थान से शरीर का विचार करते है। 2.   दूसरे स्थान से द्रव्य का विचार करते है। 3.   तीसरे स्थान से पराक्रम का विचार करते है। 4.   चतुर्थ स्थान से सुख का विचार करते है। 5.   पंचम स्थान से विद्या का विचार करते है। संतान का विचार करते है। 6.   छठे स्थान से शत्रु का विचार करते है। 7.   सातवें स्थान से वैवाहिक विचार करते है। 8.   आठवें स्थान से आयु का विचार करते है, कितने जीऐगा        और कब मरेगा। 9.   नवे स्थान से भाग्य का विचार करते है। 10. दसवें स्थान से राज्य का विचार करते है।  11. ग्यारवें स्थान से लाभ का विचार करते है। 12. बारवें स्थान से व्यय का विचार करते है, लाभ-हानि।        कितने हो गये ? ये सब याद रख सकते हो। पहला स्थान शरीर, दूसरा...

कैसे हो आनन्द की प्राप्ति।

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कैसे हुई थी रामेश्वर की स्थापना ।

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ध्यान क्या चीज़ है |

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सब करने वाला ईश्वर है |

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भगवान की कृपा कैसे हो ?

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       शतां शिवम्। शिव शब्द का अर्थ होता है कल्याण प्रदान करने वाले।   शिव मने कल्याण स्वरूप को ही शिव बोलते है। तो क्या सब का कल्याण करते है ? नही करते है। किसका कल्याण करते है ? तो बोले शतां शिवम्। भगवान शंकर कल्याण स्वरूप है लेकिन सज्जनों के लिए कल्याण स्वरूप हैं। तो ये सज्जनों को ही सामने क्यों रखा बाकि को क्यों छोड़ दिया ? इसमें भगवान की कृपा की ऐसी विशेषता है जो दुर्जन है ना वो भगवान शंकर की कृपा से खुद ही वंचित हो जाते है। जैसे मोटर साईकिल चलाते हो तो सिर पर क्या पहनते है ? वो लोहे का अन्दर कपड़े का बना (हेलमेट), और उसी समय अगर बारिश हो जाए तो सिर भीगेगा के नहीं भीगेगा ? पानी तो सबके ऊपर बराबर गिरा, तो अन्दर पानी किसने आने नहीं दिया ? ये लोहे के आवरण (हेलमेट) ने अन्दर आने नहीं दिया। इसी प्रकार भगवान शंकर की कृपा पूरे चराचर जगत में एक जैसी ही बरस रही है और उपलब्ध किसको होता है ? जिसके अन्दर दुर्जनता बनी हुई है ये सिर के ऊपर हेलमेट की तरह है। वो शिव की कृपा को अन्दर आने नहीं देता। बाहर ही रहने देता है। मने कृपा करने वालों में कोई कमी नहीं है, लेक...

दीपावली पूजन कब और कैसे करे ?

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       लक्ष्मी की पूजा दीपावली में रात को 12 बजे से लेकर सुबह 4ः30 बजे तक चलती है   उसमें वास्तविक लक्ष्मी की पूजा होती है। सुवर्ण के सिक्के तो रखने ही चाहिए, चांदी के बर्तन होने चाहिए। गाय का दुध होना चाहिए। दुध से बने हुए पकवान होने चाहिए। भगवती लक्ष्मी का अभिषेक करके गोबर के ऊपर लक्ष्मी को रखो। गोबर पर रखी गई जो लक्ष्मी है स्थाई लक्ष्मी मानी जाती है इसलिए घर में गोबर से लीपा जाता है। मार्बल आने के बाद लोग दीवालिया होने लग गए। ये दीवाला जो शब्द है ये पहले नहीें रहा। दीवाली तो पहले भी रही है। गोबर से लीपे हुए घर में लक्ष्मी का निवास होता है।         रात को 12 बजे से लेकर 4ः30 बजे तक पूजा करनी चाहिए। घर के खजाने में हर साल 1-1 सिक्के बढ़ाने चाहिए। सुवर्ण का सिक्का पूजा करके रखो, अगले साल 2 करके रखो, अगले साल 3 करो और ये कभी बेचा नही जाता। यहाँ तक कि जिसमें गणेश-लक्ष्मी बने होते है सुनार के पास ले जाओ तो वो भी गलाने को तैयार नहीं होता। सुनार कहता है कि हम देवताओं को नहीं गलाते है। ये आपकी पूंजी बढ़ती चली जाएगी और पूजा ब्राह्मण...